तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य तेल उत्पादक देशों के बीच सोमवार को आयोजित विशेष बैठक कुछ दिनों के बाद हो सकती है। यह बात ओपेक मामलों की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कही। यह बैठक अब कुछ दिनों बाद हो सकती है। अरब न्यूज (https://www.arabnews.com/node/1652926/business-economy ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को ओपेक के दो सूत्रों ने कहा कि सोमवार को होने वाली वर्चुअल बैठक नहीं होगी। संभावना है कि यह बैठक 8 व 9 अप्रैल को हो, ताकि तेल उत्पादक देशों को आपूर्ति घटाने की योजना पर विचार करने के लिए कुछ वक्त और मिल जाए। इस बीच एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि यदि सोमवार की बैठक असफल रही, तो 10 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है क्रूड का भाव।
बैठक असफल रही तो 10 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे गिर सकता है क्रूड का भाव
ऑयल प्राइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट (https://oilprice.com/Energy/Energy-General/The-OPEC-Meeting-Could-Send-Oil-Prices-Crashing-Below-10.html ) के मुताबिक सोमवार को होने वाली बैठक यदि असफल रही तो क्रूड का भाव 10 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर तक गिर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में दिख रहा उतार-चढ़ाव, बाजार हिस्सेदारी के लिए विभिन्नन देशों में जंग, अमेरिका द्वारा सुझाई गई उत्पादन कटौती को अमल में लाने की अक्षमता और कोरोनावायरस के कारण मांग में गिरावट कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान बैठक में नहीं किया जा सकता है। पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्र्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि सऊदी अरब और रूस उत्पादन में 1 करोड़ बैरल रोजाना से ज्यादा की कटौती के लिए तैयार हो सकते हैं। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 करोड़ बैरल रोजाना से ज्यादा की मांग घटी हुई है। करीब आधी दुनिया में लॉकडाउन के कारण मांग घटी हुई है। इसलिए 1 करोड़ बैरल रोजाना की कटौती से कीमत नहीं सुधरने वाली है। उल्टे इतनी कटौती से बाजार में नकारात्मक प्रतिक्रिया ही दिख सकती है। यदि इस कटौती से तेल की कीमत स्थायी तौर पर नहीं सुधरी, तो बाजार में भय का माहौल ऐतिहासिक उच्च स्तर तक पहुंच सकता है और इससे क्रूड की कीमत आने वाले सप्ताह में गिरकर 10 डॉलर प्रति बैरल से नीचे भी जा सकती है।
कोरोनावायरस और प्राइस वार से 18 साल के निचले स्तर तक गर चुका है क्रूड
कोरोनावायरस के कारण कच्चे तेल का भाव में हाल में काफी गिरावट देखी गई है। ओपेक और रूस के बीच उत्पादन कटौती का समझौता नहीं हो पाने और उल्टे प्राइस वार शुरू हो जाने के कारण क्रूड में और गिरावट आई और इसने करीब 18 साल का निचला स्तर (करीब 22 डॉलर प्रति बैरल) को छू लिया। हालांकि ओपेक व अन्य क्रूड उत्पादक देशों की सोमवार को आयोजित विशेष बैठक में कोई समझौता हो जोन की उम्मीद से पिछले कुछ दिनों में क्रूड का भाव चढ़ा है।